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दांतों के दर्द की वजह कीड़े नहीं होते। जैसा की आपने सुना ही होगा की कई लोग यह मानते हैं की दांतों का दर्द कीड़ों की वजह से होता है। जबकि दांतों में कीड़े लग ही नहीं सकते। हमारे मुँह के अंदर काफी ज़्यादा अम्लीय वातावरण यानि एल्कलाइन वातावरण किसी किस्म के कीड़े के लिए घातक है। दांतों में दर्द कीड़ों की वजह से नहीं बल्कि सूक्ष्म बैक्टीरिया की वजह से होता है। यह बैक्टीरिया तेज़ाब यानि एसिड बनाते हैं और यह एसिड हमारे मुँह के अम्लीय वातावरण को एसिडिक यानी तेजाबी बना देता है। और यह तेज़ाब हमारे दांतों की परतों को गाला देता है। जैसे जैसे दांतों की पहले बाहरी परत फिर अंदरूनी परत गलती जाती है वैसे वैसे दांतों के बीच में मौजूद नसों में सूजन आणि शुरू हो जाती है। हमारे दांतो में दर्द इसी सूजन की वजह से होती है।

जब हमें दांतों में ढंडा लगना शुरू होता तो हम केमिस्ट के पास जाकर ऐसे टूथपेस्ट लेकर आ जाते हैं और बेफिक्र हो जाते हैं। ये टूथपेस्ट आपको सेंसिटिविटी से आराम तो दिलाते हैं पर यह इलाज नहीं है। अगर आपको पेट में दर्द हो और आप पेन किलर खा लो तो यह इलाज नहीं है, यह सिर्फ आपको दर्द से आराम दिलाता है। जबकि असली बिमारी हर दिन बढ़ती चली जाती है। ठीक इसी तरह दांतो की तकलीफ भी बढ़ती चली जाती है और जो चीज़ सिर्फ १००० रुपए से ठीक हो सकती थी अब आपको या तो १०००० खर्च करने पड़ेंगे या नहीं तो दांत निकलवाना पड़ेगा। आपको यह भी बता दूँ की अगर आपने दांत निकलवाने का निर्णय लिया तो भी आपके पास एक दुविधा रहेगी. पहली दांत निकलवाने के बाद दूसरा नकली दांत लगवाए या उस खाली जगह को ऐसे ही खाली रखें। अगर आपने दूसरा नकली दांत लगवाने का निर्णय लिया तो डेंटल इम्प्लांट १५००० से ५०००० के बीच कॉस्ट करते हैं और तो और एक छोटा सा ब्रिज भी १५००० से ऊपर ही कॉस्ट करेगा। हाँ आपके पास एक सस्ता ऑप्शन यह है की आप दांत लगवाएं ही नहीं। परन्तु इसके बहुत नुक्सान हैं। पहला यह की जब दांत निकल जाते हैं तब दांतों के बीच का कसाव काम हो जाता है। इसके कारण दो तीन वर्षों में सारे दांत ढीले हो जाते हैं। जब एक दांत नहीं रहता तो उसके ऊपर या नीचे वाला दांत भी ख़राब हो जाता है। हम इंसान हैं और हमारे खाने की पाचन प्रक्रिया हमारे मुँह से शुरू होती है। जब हम खाने को अच्छे से चबाते हैं तो हमारे थूक में मौजूद एक रसायन, सलाईवरी एमाइलेज, खाने को पचने की प्रक्रिया शुरू करता है। अगर आपके दांत न हो तो यह प्रक्रिया ठीक से नहीं होता जिससे आपको अपच और पेट और आँतों की समस्या हो सकती है। हमारे दांत लगभग सौ किलो का वजन डालते है जब हम खाने को चबाते हैं। आप खुद समझदार हैं की अगर एक भी दांत काम हो जाए तो इस वजन के कारण आपके जबड़ों पर कितना दुष्प्रभाव पड़ेगा। The Indian chapter of the World Human Rights Protection Commission (WHRPC) has honoured Human Rights & Social Activist couple Shri Suren...