Sunday, March 17, 2019

क्या Mig21 (मिग २१) F16 (ऍफ़ १६) युद्ध विमान को मार गिरा सकता है I Can Mig 21 fighter jet Shoot F16 Fighter jet down.

क्या Mig21 (मिग २१) F16 (ऍफ़ १६) युद्ध विमान को मार गिरा सकता है I Can Mig 21 fighter jet Shoot F16 Fighter jet down.

जैसा की आपने पढ़ा देखा और सुना होगा की भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनन्दन ने अपने मिग विमान से एक पाकिस्तान की एफ16 विमान को मार गिराया।  परन्तु कई देसी और विदेशी लोगों ने यह मानने से इंकार कर दिया की एक मिग एफ 16 को गिरा सकता है। हम इस बात का विश्लेषण करेंगे और हमारा विश्लेषण तथ्यों पर आधारित होगा। 
  
दोनों विमानों में अगर आपने फर्क समझना है तो नीचे दिए गए तस्वीरों को ज़रा गौर से देखिये। 

यह तस्वीर मिग 21 , तेजस और एफ 16 विमानों के कॉकपिट की है। कॉकपिट यानी जहाँ पायलट बैठ कर विमान उड़ाता है। 
किसी भी विमान को उड़ने और उड़ाने वाली टेक्नोलॉजी को एवियोनिक्स कहा जाता है ।  यह एवियोनिक्स उसकी कण्ट्रोल सिस्टम पर निर्भर करती है। जैसा की तस्वीरों से आप देख पा रहे हैं की मिग विमान का एवियोनिक्स किसी पुराने एम्बेसडर कार की तरह है और एफ १६ विमान का एवियोनिक्स किसी बी.ऍम.डब्लू  गाडी से भी ज़्यादा एडवांस है। गौर करने वाली बात यह है की हमारे तेजस विमान का एवियोनिक्स भी उच्च स्तरीय है। चलिए यह तो कण्ट्रोल की बात हो गयी, अब हम अपनी समीक्षा को आगे बढ़ाते हैं।
अब हम थोड़ा दोनों विमानों को समझ लें। 
कुछ तथ्य मिग के बारे में:
1. मिकोयान-गुरेविच 21 (MIkoyan-Gurevich 21) को छोटे अक्षरों में  मिग -21 कहा जाता है।
2. यह इस विमान को डिज़ाइन करने वाले दो वैज्ञानिको के सम्मान में है।
3. पहला मिग २१ विमान सं 1959 में ऊरा था।
4. सं 1959 से अब तक करीब 11496 मिग 21 विमान बने।
5.  इस विमान का निर्माण रूस , भारत और चेकोस्लोवाकिया में किया जाता था।
6. भारत में HAL इसका निर्माण करती थी और अब इसका आधुनिकरण और रख रखाव करती है।
7. भारत ने कुल 657 मिग २१ विमानों का निर्माण किया।
8. भारत के पास 1200 से ज़्यादा मिग २१ विमान थे।
9. 2019 तक सिर्फ 113 विमान ऑपरेशनल हैं।  बाकी विमानों को रिटायर कर दिया गया।
10. भारत में तकरीबन 450 विमान दुर्घटना का शिकार हुए जिनमें 170 पायलट और 40 आम नागरिकों की जान गयी।
शुरूआती मिग २१ और आज के मिग २१ में बहुत फर्क है।
वह फर्क क्या हैं ?

  1. मिग 21 की तेल की टंकी बॉडी के नीचे होती थी जिसकी वजह से जैसे जैसे तेल काम होता था उसका गुरुत्व केंद्र (center of gravity) विमान के सेंटर से बदल जाता था और इसकी वजह से प्लेन को उड़ा पाना बहुत मुश्किल हो जाता था और ज़्यादातर मिग दुर्घटनाओं की वजह भी यही है।  
  2. आपको जान कर हैरानी होगी की शुरूआती मिग 21 हवायी जहाज की मारक क्षमता सिर्फ 85 KM थी।  यानि की यह एक बार में सिर्फ 170 KM ही उड़ सकता था।  
  3. एक टाइम की मैक्सिमम फ्लाइट टाइम सिर्फ 45 मिनट्स थी। अर्थार्त यह विमान सिर्फ 45 मिनट्स ही उड़ाया जा सकता था।
  4. बाद वाले मॉडल्स में, जो की भारत में MiG 21 Bison के नाम से जाने जाते है, तेल की टंकी को बेहतर बनाया गया और कार्गो लोड काम कर के अतिरिक्त तेल की टंकी लगा कर  इसकी मारक दूरी को 255 km और फिर बाद में कुछ और फेर बदल कर के इसे 650 km तक पहुँचाया गया।  
  5. एक बहुत बड़ी कमी जो इस विमान में है वो है इसका आफ्टर बर्नर।  यह विमान का वह हिस्सा होता है जो विमान को अतिरिक्त तेज़ी प्रदान करता है।  इसके आफ्टर बर्नर में मूलभूत कमी के कारन यह किसी छोटी चिड़िया से भी टकरा जाने से यह दुर्घटना ग्रस्त हो सकता है। और इसका कोई पक्का इलाज भी संभव नहीं है।  हाल में हुयी विमान दुर्घटनाओं में आफ्टर बर्नर का फ़ैल होना एक प्रमुख कारण है। 
  6. इस विमान के डिज़ाइन को डेल्टा विंग डिज़ाइन कहते हैं।  यह डिज़ाइन पुराने ज़माने का है।  इस डिज़ाइन की खासियत है की इससे विमान बहुत तेज़ी से ऊंचाई हासिल कर सकता है। इस डिज़ाइन की कमी है की इस डिज़ाइन की वजह से विमान को घूमा पाना मुश्किल होता है और इसमें काफी टाइम ख़राब होता है।  इसलिए यह विमान किसी विमान का पीछा करने (interception) के लिए तो ठीक है परन्तु लड़ायी लड़ने जिसे की डॉग फाइट (dogfight) कहते है उसके लिए बिलकुल भी उपयुक्त नहीं है।

चलिए अब थोड़ी बात F16 के बारे में कर लें:
1. F16 विमान का डिज़ाइन और निर्माण पहली बार जनरल डायनामिक्स नामक कंपनी ने सं 1978 में किया। 
2. इसका निर्माण सं 1999 से लॉकहीड मार्टिन नामक कंपनी कर रही है। 
3.यह विमान सोवियत रूस के मिग को टक्कर देने के लिए सं 1974 में प्लान किया गया और इसे ड्राइंग बोर्ड से हकीकत बनने में 4 साल का  समय लगा।
4. यह विमान इतना अत्याधुनिक इसलिए भी है क्यूंकि इसे बनाने के लिए अमरीकन सर्कार ने कम्पटीशन का आयोजन किया जिसमें बहुत सारे कंपनियों ने भाग लिया और इस रेस में फ ६ सबसे अच्छा विमान उभर कर आया और फिर अमरीकी सर्कार ने इस विमान का आर्डर दिया। 
5. इस विमान का निर्माण आज भी होता है। लॉक  हीड मार्टिन ने इसका निर्माण २०१९ में फिर से शुरू किया है क्यूंकि उसे बहरीन देश से इस विमान के नए ऑर्डर्स मिले हैं। 
6. गौर करने वाली बात है की इस विमान का निर्माण आज तक सिर्फ अमेरिका में हुआ है लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी और अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच हुए एक समझौते के बाद जल्द ही टाटा डिफेन्स नमक कंपनी इस विमान का निर्माण भारत में शुरू करेगी ।
7. भारत में इस विमान का निर्माण टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के तहत किया जाएगा। लॉक हीड मार्टिन पूरी तकनीक भारतीय कंपनी टाटा डिफेन्स को सौपेगी। इस डील की कुल कीमत 150 से 200 करोड़ डॉलर बतायी जाती है। 
8. जून 2018 तक तकरीबन 4604 विमानों का निर्माण किया जा चूका है। 
9. इस  विमान में हवा में तेल भरने की काबलियत है और उसकी बदौलत यह विमान एक बार में 2600km तक मार कर सकता है। 
10. गौर करने वाली बात यह है की ज़्यादातर विमानों को ऐसे बनाया जाता है की अगर पायलट कण्ट्रोल लीवर छोड़ दे तो विमान खुद सीधा हो जाए। इसे स्टेबिलिटी प्रोग्राम कहा जाता है।  परन्तु F16 विमान को ऐसे बनाया गया है की अगर इसे छोड़ा जाए तो यह पलट जाए।  ऐसा करने से इस  विमान को मोड़ना और पलटना बहुत आसान हो जाता है।  इसमें कई कंप्यूटर लगे हैं जो पायलट के छोटे इशारे पर विमान को सीधा भी कर देते हैं।  इसलिए यह विमान डॉग फाइट के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है। 
11. एक और तकनीक जो पहली बार इस विमान में इस्तेमा हुआ वो था ड्राइव बायीं वायर तकनीक। ज़्यादातर विमानों में स्टीयरिंग लीवर विमान के रडर से जुड़े होते है  पायलट के लीवर हिलाने से रडर हिलता है और विमान की दिशा बदलती है। परन्तु F16 में ऐसा नहीं होता। इस विमान में पायलट का लीवर एक कंप्यूट को बताता है की क्या करना है और फिर वह कंप्यूटर फैसला करता है की ऐसा करना ठीक रहेगा या नहीं।  फिर वह कंप्यूटर रडर को कण्ट्रोल करता है और विमान की दिशा बदलता है। 
12. इस विमान का दुर्घटनाओं का रिकॉर्ड बहुत साफ़ है।  सिवाए इक्के दुक्के घटनाओ के इस विमान से जुडी कोई बड़ी घटना नहीं है। 
13. आज तक इस विमान को मार गिराने  का रिकॉर्ड भी बहुत साफ़ है।  कुछ एक घटनाएं हैं पर वो भी क्यों हुयी यह आज तक साफ़ नहीं हुआ है। 
अब बात करते हैं की क्या मिग ऍफ़ १६ को मार गिरा सकता है?
अगर मिग को R-77ER से अपग्रेड किया गया है जो की एक मिसाइल है जिसकी मारक दूरी तकरीबन 160km है, तो हम निश्चित रूप से यह कह सकते हैं की मिग F16 को टक्कर देने में सक्षम है, अन्यथा यह सोचना भी हास्यप्रद होगा।  

एक गौर करने वाली बात है की एक पूरी तरह से आधुनिक F16  विमान की कीमत में तकरीबन 12 पूरी तरह से लैस मिग आ जाएंगे। और अगर एक F16 विमान के पीछे 2 या 3 मिग  लग जाएँ तो F16 का बच पाना  मुश्किल है।  यही कारण है की भारत आज भी  की  मिग विमानों का आधुनिकरण कर रहा है। 

और तीसरी वजह जो मिग को वरीयता दे सकता है वो है उसका पायलट।  एक अच्छा पायलट मिग से F16 किसी भी परिस्थिति में गिरा देगा।  और भारत के पास ऐसे पायलट्स की कोई कमी। 

जय हिन्द 


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