Saturday, December 14, 2019

रुट कैनाल उपचार (RCT), जिसे नसों का इलाज भी बोलते हैं या दांतों की नसें काटना भी कहा जाता है।

रुट कैनाल उपचार (RCT), जिसे नसों का इलाज भी बोलते हैं या दांतों की नसें काटना भी कहा जाता है। 


यह उपचार तब किया जाता है जब दांतों की सड़न दांतों की नसों तक पहुँच जाती है और उसे सिर्फ फिलिंग कर के बचा पाना नामुमकिन हो जाता है।
इस स्तिथि में मरीज को दांतों में काफी दर्द होता है और ज़्यादा गंभीर परिस्तिथि में दर्द के साथ सूजन और दांतों और मसूड़ों से मवाद भी आ सकता है।
यह एक काफी गंभीर परिस्तिथि है और इससे मरीज की जान भी जा सकती है। इस हालत में दन्त चिकित्सक के पास दो ही विकल्प होते हैं।  एक की वो दन्त को निकाल दे और दूसरा उसकी रुट कैनाल कर दे। रुट कैनाल में दांत के अंदर ऊपर से एक सूराख बनाकर दांत की नसें निकाल देते हैं और उसके अंदर जड़ों तक मसाला भर देते हैं।
रुट कैनाल के बाद आम तौर पर दांत का दर्द कुछ दिनों में ठीक हो जाता है और सूजन भी ठीक हो जाती है। आप अपने दन्त चिकित्सक से चमत्कार की उम्मीद न करें, वह एक डॉक्टर है, जादूगर नहीं। दन्त चिकित्सक ने कितना भी अच्छा काम किया हो पर इलाज का असर होने में हफ्ते से दो हफ्ते का समय लग सकता है। और जिस दांत की रुट कैनाल हो रही हो वह दांत काफी कमजोर हो जाता है इसलिए को चाहिए की वह उस दांत का ज़्यादा ख्याल रखे और जब तक उसपर कैप न लग जाए उससे कुछ भी न चबाये। कई बार दांत अंदर से इतना खोखला हो जाता है की वह बिना चबाये सिर्फ दुसरे दांत से टकराने मात्र से टूट जाता है।
रुट कैनाल उपचार के बाद दांत से दर्द तो आम तौर पर हफ्ते दस दिन में बिलकुल ठीक हो जाता है परन्तु दांत काफी कमज़ोर हो जाता है। दांत के टूटने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। इसलिए मरीज को चाहिए की जल्द से जल्द अपने दांत पर कैप लगवा ले।  कैप लगने के बाद दांत के टूटने का खतरा काफी कम हो जाता है। परन्तु इसका अर्थ ये बिलकुल भी नहीं है की आप दांतों की देखभाल करना छोड़ दें। 

जब हमने डॉक्टर दिशा से इस बारे में पुछा तो उन्होंने हमें बताया की रुट कैनाल के बाद भी अगर दांतों की अच्छी देखभाल ना की जाए तो दांत में फिर से इन्फेक्शन यानि संक्रमण हो सकता है जिससे दुबारा से रुट कैनाल करने की ज़रुरत पर सकती है।  उन्होंने बताया की रुट कैनाल जितनी बार दुहराया जाए उतना दांत  की उम्र कम होती है।  इसलिए मरीज को चाहिए की वो दांतों की इतनी अच्छी देखभाल करे की दुबारा कभी रुट कैनाल की ज़रुरत ही न पड़े।

डॉ दिशा ने बताय की कई बार रुट कैनाल प्रक्रिया के दौरान दांत के अंदर रुट कैनाल प्रक्रिया में इस्तेमाल की जाने वाली फाइल (पिन) टूट जाती है।  अगर वह पिन दांत के जड़ों में है और बहार नहीं है तो वह आम तौर पर कोई परेशानी नहीं देता।  और मरीज स्वस्थ ज़िंदगी व्यतीत कर सकता है।  क्यूंकि रुट कैनाल के दौरान उपयोग में लाये जाने वाले यन्त्र डॉक्टर खुद नहीं बनाता  इसलिए डॉक्टर इसे रोक नहीं सकता।  डॉक्टर अपनी ओर से एहतियात बरत सकता है की वह उपकरण पर ज़्यादा ज़ोर न दें। इसलिए मरीज को चाहिए की वह रुट कैनाल किसी माहिर दन्त चिकित्सक से कराये क्यूंकि एक माहिर डॉक्टर के हाथों फाइल (पिन) टूटने की संभावना काफी कम होती है।
डॉ दिशा से परामर्श के आप उनके दूरभाष नंबर 9878067123 पर संपर्क कर सकते है।













Wednesday, December 11, 2019

दन्त चिकित्सकों का नया फेसबुक ग्रुप ला रहा है दन्त चिकित्सकों की बोर ज़िंदगियों में ठहाकों भरे पल

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Memeistry-Memes For Dentistry
Private group · 4 members
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In recent times Dental Surgeons ave started few Dental Groups on Facebook which is exclusively for Dental Surgeons and these share Memes especially made for and made by Dental Surgeons themselves.
There have become quite a few groups which have  become extremely popular and consequently few surgeons have made a new identity of Meme Kings and Queens.

Here are few such groups:

1. Memodontics

Memodontics is assumably the best and most popular Facebook Group for Dental Memes. Originally conceptualised by Dr Rahul Bisht and Dr Sangesh Gupta, this group has gained heavy following and now there are many dental surgeons who are actively contributing to this group.  This group has sometimes faced wrath of members due to its nasty but true to life memes focussing on dentists and their routine life. Currently it has 3400+ active members. to join the group you can click the link:
https://www.facebook.com/groups/441166686585056/

But remember this group accepts members from Dental Fraternity only and you may have to prove that you are a dental surgeon. This has been done because sometimes many sensitive comments or posts are made which may not go good in public eye.






2. Memeistry 

Memeistry is a new group on Facebook by dental surgeons Although it has not much following but it gets some quality dental memes every now and then. People love the quality rather than quantity here. Also this group is not moderated which means any dentist who is a member can post any meme. No post requires pre-approval for the same. 



Memeistry-Memes For Dentistry
निजी समूह · 5 सदस्य
समूह में शामिल हों

3. Memes
Probably this is the largest group for memes on Facebook with 1.8 crore (18Million) members.
But this group is open for all and not a dentistry specific group. You can join this group by clicking the link below.


Thursday, December 5, 2019

वियतनाम की एक चालबाज़ लड़की कर रही है स्थानीय भारतीय डॉक्टर को बदनाम- तस्वीर देखें

वियतनाम की चालबाज़ लड़की कर रही है स्थानीय भारतीय डॉक्टर को बदनाम 



वियतनाम की लड़की जिसका उपनाम सिंडी है और उसका असली नाम ट्रेन थी थाओ हो (Tran Thi Thao Ho ) है ने अफवाह फैला राखी है की एक भारतीय डॉक्टर जो की काफी मशहूर हैं ने उससे पैसे ठग लिए। हमने डॉक्टर अमन से इस बारे में बात की तो उन्होंने बताय की सिंडी उनके पास नवंबर के पहले हफ्ते में आयी और उनको बताया की वो डेंटिस्ट है विएतनाम से और वो काम सीखना चाहती है। डॉ अमन की एक अकादमी है जहाँ वो भारतीय लाइसेंस धारी दन्त चिकित्सकों को उच्च और आधुनिक दन्त चिकित्सा पद्धतियों की ट्रेनिंग देतें हैं। क्यूंकि सिंडी ने बताया की वो एक वियतनामी डेंटिस्ट है और उसके पास यहाँ का लाइसेंस नहीं है , इसलिए डॉक्टर अमन से उसे पेशेंट देने से मन कर दिया पर भरोसा दिया की उसे मॉडल्स और सिम्युलेटर्स के जरिये काम सीखा देंगे। जिसकी फीस सिंडी ने करीब सवा लाख रुपये अपने बॉयफ्रेंड के ज़रिये दुबई से डॉ अमन से करंट (चालू) खाते में जमा कर दिए। उसने इसके अलावा डॉ अमन के  खाते में ७१००० रुपये अपने खर्चों के लिए बिना पूछे नकद जमा करवा लिए। ये सारे पैसे सिंडी के बॉयफ्रेंड साहब ने दुबई से कॅश में डॉ अमन के खाते में जमा किये। डॉ अमन ने मजबूरन सिंडी को २ लाख का बिल देना पड़ा अन्यथा इनकम टैक्स विभाग इतनी बड़ी नकदी लेन डेन की जांच करता और नोटिस भी भेजता।  
यह वो डिपाजिट स्लिप है जिसमें आप देख सकते हैं की सिंडी के बॉयफ्रेंड ने डॉ अमन के चालू करंट खाते में पैसे डलवाये थे ना की बचत खाते में। ये तस्वीर खुद सिंडी ने अपने प्रपंची पोस्ट्स में शेयर किया है। उस कम अक्ल को ये नहीं समझ आता की दुनिया हसेगी उसपर। सिंडी का कहना है की कभी भी चालू खाता किसी के नाम से नहीं होता।  हमारी हमारे पाठकों से निवेदन है की कोई उसे समझाए की भारत में डॉक्टर, लॉयर , चार्टर्ड अकाउंटेंट ऐसे लोग होते हैं जो भारत में अपने नाम से चालू खाता खोल सकते हैं। 

अब हम आते हैं कहानी के दुसरे अध्याय में। लगभग पंद्रह दिनों के बाद डॉ अमन को सिंडी की एक महिला मित्र जो की नई दिल्ली में रहती हैं और भारतीय मूल की हैं ने फ़ोन किया की डॉ अमन आपको सिंडी ने झूठ बोला की वो डेंटिस्ट है।  वो एक ब्यूटी पारलर चलती है अपने बॉयफ्रेंड के साथ दुबई में और एक ब्यूटी पारलर है हनोई वियतनाम में। यह बात सुन कर डॉक्टर अमन को बहुत गुस्सा आया और वो इसकी पुष्टिकरण के लिए सिंडी से मिलें। सिंडी ने कबूल किया की उसने झूठ बोलै की वो डेंटिस्ट है क्यूंकि अगर वो सच बताती तो डॉ अमन उसे मॉडल पर भी काम नहीं सीखाते। 
डॉ अमन ने तुरंत ही उसे अकादमी से बर्खास्त कर दिया और पुलिस कम्प्लेन कर के उसे वियतनाम डिपोर्ट करा दिया।  पुलिस वालों ने उसे गिरफ्तार कर के दिल्ली में रखा और ५ दिसंबर की सुबह की इंडिगो विमान से उसे वापिस उसके देश भेज दिया। 

अब वह हर जगह यह बताती फिर रही है की डॉ अमन ने उससे टैक्स के नाम पर पैसे ठग लिए। उसने कुछ तस्वीर भी साझां किये और ये बता रही है की उसने पैसे बचत खाते में डाले थे। आप सिंडी की साझां की गयी इस तस्वीर को ज़रा गौर से देखें तो आप को पता चलेगा की उन्होंने पैसे डॉ अमन के करंट खाते में डलवाये हैं। 

डॉ अमन ने महानता दिखाते हुए इस प्रपंची लड़की के पैसे भी वापिस कर दिए, सिर्फ टैक्स वापिस नहीं की क्यूंकि वो तो सरकार के पास जमा होती है। और पैसे वापिस करते वक़्त सिंडी से एक कबूलनामे पर हस्ताक्षर लिए क्यूंकि उन्हें शक था की सिंडी आगे ऐसे प्रपंच ज़रूर करेगी।  नीचे आप उस कबूलनामे की तस्वीर देख सकते हैं। 
हमारे पाठकों से हम उम्मीद करते हैं की वो एक ईमानदार डॉक्टर को बदनाम करने के इस षड़यंत्र में भरोसा नहीं करेंगे और इस घडी में डॉक्टर अमन का साथ देंगे। 

फेसबुक पर हैं इसके कई नकली प्रोफाइल।  आप भी रहे सावधान। 




Tuesday, December 3, 2019

डॉक्टरों का नया वेब पोर्टल कसेगा भगौड़े मरीजों पर नकेल : www.checkpatient.in



पिछले कुछ सालों से शहर के डॉक्टरों को एक अजीब समस्या ने परेशान किया हुआ है।  समस्या है ऐसे मरीज जो बिना अपना बिल पूरा दिए गायब हो जाते हैं।  

यह समस्या शहर के दन्त चिकित्सकों को सबसे ज़्यादा है क्यूंकि दन्त चिकित्सा एक महंगी चिकित्सा है और डॉक्टरों को काफी पैसा लैब वाले और उपकरण वालों को देना पड़ता है। 

उदाहरण के लिए डॉ रमन  ने बताया की उनकी एक मरीज पूनम यादव (नाम परिवर्तित ) ने उनसे चार डेंटल इम्प्लांट लगवाए जिसकी कुल लागत लगभग एक लाख रुपये है।  उन्होंने सिर्फ बीस हज़ार रुपये जमा कराये और यह बोल कर चली गयी की वो दांत लगवाने जब आएंगी तब बाकी पैसे दे देंगी। अभी कुछ दिनों पहले डॉ  को दोस्त डॉ केशव, जो भी उसी शहर में काम करते हैं , से पता चला की एक पेशेंट जिसका नाम पूनम पांडेय है उनके पास आयीं थीं और उनके चार इम्प्लांट लगे थे जिसके दांत उन्होंने तीस हज़ार रुपये लेकर लगा दिए। 
इस घटना से कुछ बातें समझ में आती है।  डॉ रमन  ने बताया की एक इम्प्लांट उन्हें तकरीबन सत्रह हजार रुपये का आया था, जिसकी कुल लागत थी ६८ हज़ार रुपये थी। ४ दांतों की लैब कीमत लगभग बारह हज़ार रुपये होती। इसलिए उन्होंने मरीज से एक लाख रुपये मांगे थे। परन्तु मरीज ने उनकी लागत भी नहीं दी और गायब हो गया। डॉ केशव, जिन्होंने सिर्फ दांत लगाए, ने मरीज से तीस हज़ार रुपये मांगे और दांत लगा दिए। 
ऐसा, दन्त चिकित्सकों के साथ आज कल रोजाना ही होने लगा है। इसलिए इस समस्या का निदान करने के लिए भारत वर्ष के तकरीबन २ लाख डॉक्टरों ने एक नया वेब पोर्टल बनाया है, जहाँ वो अपने ऐसे भगौड़े मरीजों की डिटेल्स अपलोड कर देंगे ताकि उनका इलाज कोई और डॉक्टर न करे। ये एक चेतावनी है ऐसे मरीजों को, जो की डॉक्टरों के मेहनत  का पैसा लेकर भाग जाते हैं , की यदि आपका नाम इस पोर्टल पर चढ़ गया तो देश भर के दो लाख से ज़्यादा डॉक्टर आपका इलाज नहीं करेंगे। 
आप भी इस पोर्टल को www.checkpatient.in पर क्लिक करके देख सकते है की कहीं आपका नाम भी तो इस पर नहीं दाल रखा। 


ਪਿਛਲੇ ਕੁਝ ਸਾਲਾਂ ਤੋਂ, ਸ਼ਹਿਰ ਦੇ ਡਾਕਟਰ ਇੱਕ ਅਜੀਬ ਸਮੱਸਿਆ ਤੋਂ ਪ੍ਰੇਸ਼ਾਨ ਹਨ. ਸਮੱਸਿਆ ਅਜਿਹੇ ਮਰੀਜ਼ ਹਨ ਜੋ ਆਪਣੇ ਬਿੱਲਾਂ ਦਾ ਭੁਗਤਾਨ ਕੀਤੇ ਬਿਨਾਂ ਗਾਇਬ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ.
ਇਹ ਸਮੱਸਿਆ ਦੰਦਾਂ ਦੇ ਡਾਕਟਰਾਂ ਲਈ ਸ਼ਹਿਰ ਵਿਚ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਦੰਦਾਂ ਦੀ ਦਵਾਈ ਇਕ ਮਹਿੰਗੀ ਦਵਾਈ ਹੈ ਅਤੇ ਡਾਕਟਰਾਂ ਨੂੰ ਲੈਬ ਅਤੇ ਉਪਕਰਣਾਂ ਲਈ ਬਹੁਤ ਸਾਰਾ ਪੈਸਾ ਅਦਾ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ. ਉਦਾਹਰਣ ਵਜੋਂ, ਡਾ ਰਮਨ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਉਸ ਦੇ ਇੱਕ ਮਰੀਜ਼ ਪੂਨਮ ਯਾਦਵ (ਨਾਮ ਬਦਲਿਆ) ਨੇ ਉਸਨੂੰ ਚਾਰ ਦੰਦ ਲਗਾਏ, ਜਿਸਦੀ ਕੀਮਤ ਲਗਭਗ ਇੱਕ ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਹੈ. ਉਸਨੇ ਸਿਰਫ ਵੀਹ ਹਜ਼ਾਰ ਰੁਪਏ ਜਮ੍ਹਾ ਕਰਵਾਏ ਅਤੇ ਇਹ ਕਹਿ ਕੇ ਚਲੀ ਗਈ ਕਿ ਜਦੋਂ ਉਸਨੂੰ ਦੰਦ ਆਵੇਗਾ, ਉਹ ਬਾਕੀ ਦੇ ਦੇਵੇਗਾ। ਕੁਝ ਦਿਨ ਪਹਿਲਾਂ, ਡਾ ਨੂੰ ਦੋਸਤ ਡਾ: ਕੇਸ਼ਵ, ਜੋ ਕਿ ਉਸੀ ਸ਼ਹਿਰ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਤੋਂ ਪਤਾ ਲੱਗਿਆ ਕਿ ਪੂਨਮ ਪਾਂਡੇ ਨਾਮ ਦਾ ਇੱਕ ਮਰੀਜ਼ ਉਸ ਕੋਲ ਆਇਆ ਸੀ ਅਤੇ ਉਸ ਕੋਲ ਚਾਰ ਅੰਗ੍ਰੇਜ਼ ਸਨ ਅਤੇ ਉਸ ਦੇ ਦੰਦ ਤੀਹ ਹਜ਼ਾਰ ਰੁਪਏ ਨਾਲ ਲੈ ਗਏ ਸਨ। .
ਕੁਝ ਗੱਲਾਂ ਇਸ ਘਟਨਾ ਦੁਆਰਾ ਸਮਝੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ. ਡਾ: ਰਮਨ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਉਸ ਦੇ ਕੋਲ ਇਕ ਲਗਪਗ ਸਤਾਰਾਂ ਹਜ਼ਾਰ ਰੁਪਏ ਦਾ ਇਮਪਲਾਂਟ ਆਇਆ ਸੀ, ਜਿਸ ਦੀ ਕੁੱਲ ਲਾਗਤ ਛੇ ਹਜ਼ਾਰ ਰੁਪਏ ਸੀ। “ਦੰਦਾਂ ਦੀ ਲੈਬ ਦੀ ਕੀਮਤ ਲਗਭਗ ਬਾਰਾਂ ਹਜ਼ਾਰ ਰੁਪਏ ਹੁੰਦੀ। ਇਸ ਲਈ ਉਸਨੇ ਮਰੀਜ਼ ਤੋਂ ਇਕ ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਦੀ ਮੰਗ ਕੀਤੀ ਸੀ। ਪਰ ਮਰੀਜ਼ ਨੇ ਆਪਣੇ ਖਰਚੇ ਦਾ ਭੁਗਤਾਨ ਵੀ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਅਤੇ ਅਲੋਪ ਹੋ ਗਏ. ਡਾ: ਕੇਸ਼ਵ, ਜਿਸ ਦੇ ਸਿਰਫ ਦੰਦ ਸਨ, ਨੇ ਮਰੀਜ਼ ਨੂੰ ਤੀਹ ਹਜ਼ਾਰ ਰੁਪਏ ਮੰਗੇ ਅਤੇ ਦੰਦ ਲਗਾਏ।
ਇਹ ਦੰਦਾਂ ਦੇ ਦੰਦਾਂ ਨਾਲ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਹੁੰਦਾ ਰਿਹਾ ਹੈ. ਇਸ ਲਈ, ਇਸ ਸਮੱਸਿਆ ਦੇ ਹੱਲ ਲਈ, ਭਾਰਤ ਦੇ ਲਗਭਗ 2 ਲੱਖ ਡਾਕਟਰਾਂ ਨੇ ਇੱਕ ਨਵਾਂ ਵੈੱਬ ਪੋਰਟਲ ਬਣਾਇਆ ਹੈ, ਜਿੱਥੇ ਉਹ ਆਪਣੇ ਭਗੌੜੇ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਦੇ ਵੇਰਵੇ ਅਪਲੋਡ ਕਰਨਗੇ ਤਾਂ ਜੋ ਕੋਈ ਹੋਰ ਡਾਕਟਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਇਲਾਜ ਨਾ ਕਰੇ. ਇਹ ਅਜਿਹੇ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਲਈ ਚੇਤਾਵਨੀ ਹੈ, ਜੋ ਡਾਕਟਰਾਂ ਦੀ ਸਖਤ ਮਿਹਨਤ ਨਾਲ ਭੱਜਦੇ ਹਨ, ਕਿ ਜੇ ਤੁਹਾਡਾ ਨਾਮ ਇਸ ਪੋਰਟਲ 'ਤੇ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਦੇਸ਼ ਭਰ ਦੇ ਦੋ ਲੱਖ ਤੋਂ ਵੱਧ ਡਾਕਟਰ ਤੁਹਾਡਾ ਇਲਾਜ ਨਹੀਂ ਕਰਨਗੇ.

ਤੁਸੀਂ ਇਸ ਪੋਰਟਲ ਨੂੰ www.checkpatient.in ਤੇ ਕਲਿਕ ਕਰਕੇ ਵੀ ਵੇਖ ਸਕਦੇ ਹੋ ਇਹ ਵੇਖਣ ਲਈ ਕਿ ਕੀ ਤੁਹਾਡਾ ਨਾਮ ਵੀ ਇਸ ਤੇ ਪਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ.

जीरकपुर दन्त चिकित्सक संगठन की स्थापना की ओर पहला कदम



शनिवार, जीरकपुर
डॉ मोहित गुप्ता, डॉ अजय बंसल और डॉ समीर आनंद की अगुवायी में इलाके के दन्त चिकितसकों को संगठित और इलाज के दरों को एक समान बनाने के लिए शनिवार को वि. आई. पी. रोड स्तिथ विस्परिंग विलोज में एक मीटिंग हुयी।इस मीटिंग में इलाके के कुछ नामचीन दन्त चिकित्सक जैसे डॉ लीना, डॉ सार्थक भोला, डॉ उपिंदर पाल सिंह, डॉ कृष्ण क़तारिआ, डॉ  डॉ दिव्या, डॉ अरुण गोयल, डॉ नितिन मालिक, डॉ अभिषेक धवन, डॉ नाभिका इत्यादि सम्मिलित हुए।

डॉ समीर, जो की इस मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे थे, इस मीटिंग को सफल बताया और यह जानकारी दी की अब अगली मीटिंग में इस संगठन को अमली जामा पहनाया जाएगा। अगली मीटिंग की तारिख ५ जनवरी तये की गयी है ।

डॉ मोहित ने हमारे संवादाता को बताया की कुछ दिनों से जीरकपुर में कुछ दन्त चिकित्सक सस्ते इलाज और मुफ्त टेस्ट्स के नाम पर लोगों से ठगी कर रहे हैं।  दन्त चिकित्सा विज्ञान एक महंगा विज्ञान है और ज़्यादातर प्रयोग में आने वाले उपकरण विदेशों से आयात होते हैं , ऐसे में मुफ्त टेस्ट्स और मुफ्त इलाज संभव नहीं है। हाल के  दिनों में जीरकपुर में दन्त चिकित्सकों की संख्या काफी बढ़ गयी है और हर दन्त चिकित्सक मरीजों को लुभाने के लिए नए नए स्कीम्स ले कर आने लगा हैं।  कुछ कॉर्पोरेट डेंटल चेन्स भी जीरकपुर में सक्रिय हैं जिनसे छोटे और मझौले चिकित्सकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

डॉ अजय ने बताया की ९ साल कड़ी मेहनत के बाद कोई दन्त चिकित्सक स्पेशलिस्ट बन पाता है और इसके बाद भी उसे हर साल लाखों रुपये अपने ज्ञान के आधुनिकीकरण पर खर्च करने पड़ते  है। ऐसे में मरीजों को सस्ते इलाज के बजाये डॉक्टर का एक्सपीरियंस और उसकी गुणवत्ता देखनी चाहिए।

डॉ अमन ने बताया की कभी भी मुफ्त इलाज या टेस्ट के चक्कर में खुद का नुक्सान न करें क्यूंकि इस दुनिया में कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता, जहाँ कोई चीज़ मुफ्त मिल रही हो वहां आप समझ लें की कीमत आप खुद हैं।

डॉ नितिन ने ज़ोर दिया की केरल की तर्ज पर  जीरकपुर में भी न्यूनतम दन्त चिकित्सा दरों को लागू कर देना चाहिए। डॉ दिव्या और डॉ अरुण गोयल ने भी न्यूनतम दरों की वकालत की।

मीटिंग में डॉ अजय बंसल द्वारा दन्त चिकित्सकों को संगठित करने पर ज़ोर दिया गया।  डॉ अभिषेक  ने बताया की अनुचित प्रतिस्पर्धा से डॉक्टर का कम परन्तु इससे मरीजों का ज़्यादा नुक्सान हो रहा है।

डॉ लीना ने जीरकपुर वासियों को आगाह किया की मुफ्त चीज़ों का मोह त्याग दें अन्यथा दिन दूर नहीं जब उनके जैसे कई अच्छे दन्त चिकित्सक जीरकपुर से पलायन पर मजबूर हो जायेंगे और मरीजों को हर इलाज के लिए चंडीगढ़ जाना पड़ेगा।

डॉ सार्थक भोला ने भी डॉ लीना की बात को सही ठहराते हुए कहा की यह दिन दूर नहीं है और ऐसा होने भी लगा है। ज़्यादातर डॉक्टर जीरकपुर के साथ एक क्लिनिक चंडीगढ़ और पंचकूला में खोल रहे हैं और धीरे धीरे जीरकपुर में कम और जीरकपुर से बाहर अपनी सेवा ज़्यादा देने लगे हैं। डॉ नाभिका और डॉ विक्रांत ने भी इनसे इत्तेफ़ाक़ रखते हुए इनकी बात का पूरा समर्थन किया।

डॉ अजय ने अंत में हमारे पाठकों से अपील की है की वो किसी भी बहकावे में न आएं और डॉक्टर को उसके दरों की बजाये उसके काम की वजह से चुने। उन्होंने जीरकपुर के दन्त चिकित्सकों से आह्वान किया है की वो इस संगठन का हिस्सा बनें और उम्मीद जतायी की अगली मीटिंग में तीन गुना ज़्यादा दन्त चिकित्सक शामिल होंगे।  डॉ समीर ने सभी डॉक्टरों को अपने व्यस्त समय तारिणी से समय निकाल कर आने के लिए बधाई दी।








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