Tuesday, December 3, 2019

जीरकपुर दन्त चिकित्सक संगठन की स्थापना की ओर पहला कदम



शनिवार, जीरकपुर
डॉ मोहित गुप्ता, डॉ अजय बंसल और डॉ समीर आनंद की अगुवायी में इलाके के दन्त चिकितसकों को संगठित और इलाज के दरों को एक समान बनाने के लिए शनिवार को वि. आई. पी. रोड स्तिथ विस्परिंग विलोज में एक मीटिंग हुयी।इस मीटिंग में इलाके के कुछ नामचीन दन्त चिकित्सक जैसे डॉ लीना, डॉ सार्थक भोला, डॉ उपिंदर पाल सिंह, डॉ कृष्ण क़तारिआ, डॉ  डॉ दिव्या, डॉ अरुण गोयल, डॉ नितिन मालिक, डॉ अभिषेक धवन, डॉ नाभिका इत्यादि सम्मिलित हुए।

डॉ समीर, जो की इस मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे थे, इस मीटिंग को सफल बताया और यह जानकारी दी की अब अगली मीटिंग में इस संगठन को अमली जामा पहनाया जाएगा। अगली मीटिंग की तारिख ५ जनवरी तये की गयी है ।

डॉ मोहित ने हमारे संवादाता को बताया की कुछ दिनों से जीरकपुर में कुछ दन्त चिकित्सक सस्ते इलाज और मुफ्त टेस्ट्स के नाम पर लोगों से ठगी कर रहे हैं।  दन्त चिकित्सा विज्ञान एक महंगा विज्ञान है और ज़्यादातर प्रयोग में आने वाले उपकरण विदेशों से आयात होते हैं , ऐसे में मुफ्त टेस्ट्स और मुफ्त इलाज संभव नहीं है। हाल के  दिनों में जीरकपुर में दन्त चिकित्सकों की संख्या काफी बढ़ गयी है और हर दन्त चिकित्सक मरीजों को लुभाने के लिए नए नए स्कीम्स ले कर आने लगा हैं।  कुछ कॉर्पोरेट डेंटल चेन्स भी जीरकपुर में सक्रिय हैं जिनसे छोटे और मझौले चिकित्सकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

डॉ अजय ने बताया की ९ साल कड़ी मेहनत के बाद कोई दन्त चिकित्सक स्पेशलिस्ट बन पाता है और इसके बाद भी उसे हर साल लाखों रुपये अपने ज्ञान के आधुनिकीकरण पर खर्च करने पड़ते  है। ऐसे में मरीजों को सस्ते इलाज के बजाये डॉक्टर का एक्सपीरियंस और उसकी गुणवत्ता देखनी चाहिए।

डॉ अमन ने बताया की कभी भी मुफ्त इलाज या टेस्ट के चक्कर में खुद का नुक्सान न करें क्यूंकि इस दुनिया में कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता, जहाँ कोई चीज़ मुफ्त मिल रही हो वहां आप समझ लें की कीमत आप खुद हैं।

डॉ नितिन ने ज़ोर दिया की केरल की तर्ज पर  जीरकपुर में भी न्यूनतम दन्त चिकित्सा दरों को लागू कर देना चाहिए। डॉ दिव्या और डॉ अरुण गोयल ने भी न्यूनतम दरों की वकालत की।

मीटिंग में डॉ अजय बंसल द्वारा दन्त चिकित्सकों को संगठित करने पर ज़ोर दिया गया।  डॉ अभिषेक  ने बताया की अनुचित प्रतिस्पर्धा से डॉक्टर का कम परन्तु इससे मरीजों का ज़्यादा नुक्सान हो रहा है।

डॉ लीना ने जीरकपुर वासियों को आगाह किया की मुफ्त चीज़ों का मोह त्याग दें अन्यथा दिन दूर नहीं जब उनके जैसे कई अच्छे दन्त चिकित्सक जीरकपुर से पलायन पर मजबूर हो जायेंगे और मरीजों को हर इलाज के लिए चंडीगढ़ जाना पड़ेगा।

डॉ सार्थक भोला ने भी डॉ लीना की बात को सही ठहराते हुए कहा की यह दिन दूर नहीं है और ऐसा होने भी लगा है। ज़्यादातर डॉक्टर जीरकपुर के साथ एक क्लिनिक चंडीगढ़ और पंचकूला में खोल रहे हैं और धीरे धीरे जीरकपुर में कम और जीरकपुर से बाहर अपनी सेवा ज़्यादा देने लगे हैं। डॉ नाभिका और डॉ विक्रांत ने भी इनसे इत्तेफ़ाक़ रखते हुए इनकी बात का पूरा समर्थन किया।

डॉ अजय ने अंत में हमारे पाठकों से अपील की है की वो किसी भी बहकावे में न आएं और डॉक्टर को उसके दरों की बजाये उसके काम की वजह से चुने। उन्होंने जीरकपुर के दन्त चिकित्सकों से आह्वान किया है की वो इस संगठन का हिस्सा बनें और उम्मीद जतायी की अगली मीटिंग में तीन गुना ज़्यादा दन्त चिकित्सक शामिल होंगे।  डॉ समीर ने सभी डॉक्टरों को अपने व्यस्त समय तारिणी से समय निकाल कर आने के लिए बधाई दी।








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